Friday, April 16, 2010

घटता जलस्तर, सूखते स्रोत कैसे बुझे प्यास

अल्मोड़ा : यहां तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियां, हमें मालूम हैं पानी कहां ठहरा हुआ होगा। मौजूदा दौर को देखते हुए इन पंक्तियों की शाब्दिक सार्थकता पूरी होती नहीं लगती। क्योंकि नदियां ही सूख रहीं है तो पानी के ठहराव की क्या बात है। भीषण गर्मी के... View full post on Yahoo! Jagran News Local:Uttranchal

Submitted by: http://www.uttarakhand.net.in

No comments: