गोपेश्वर (चमोली)। देवेन्द्र सिंह डेढ़ साल से आईटीआई में अनुदेशक बनने का ख्वाब संजो रहा था, लेकिन सरकार के एक निर्णय से उसका सपना बिखर गया है। यही हाल कुछ अन्य प्रशिक्षित युवाओं का भी है, जो देवेन्द्र की भांति आईटीआई के लिए होने वाली अनुदेशक भर्ती... View full post on Yahoo! Jagran News Local:Uttranchal
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